रंगोली व दीया प्रतियोगिता

08 Dec, 2018

ला मॉन्टेसरी स्कूल कलैहली में आयोजित रंगोली व दीया प्रतियोगिता
रंगोली भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा और लोक-कला है। अलग अलग प्रदेशों में रंगोली के नाम और उसकी शैली में भिन्नता हो सकती है लेकिन इसके पीछे निहित भावना और संस्कृति में पर्याप्त समानता है। इसकी यही विशेषता इसे विविधता देती है और इसके विभिन्न आयामों को भी प्रदर्शित करती है। इसे सामान्यतः त्योहार, व्रत, पूजा, उत्सव विवाह आदि शुभ अवसरों पर सूखे और प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता है। इसमें साधारण ज्यामितिक आकार हो सकते हैं या फिर देवी देवताओं की आकृतियाँ। इनका प्रयोजन सजावट और सुमंगल है। विभिन्न अवसरों पर बनाई जाने वाली इन पारंपरिक कलाकृतियों के विषय अवसर के अनुकूल अलग-अलग होते हैं। इसके लिए प्रयोग में लाए जाने वाले पारंपरिक रंगों में पिसा हुआ सूखा या गीला चावल, सिंदूर, रोली, हल्दी, सूखा आटा और अन्य प्राकृतिक रंगो का प्रयोग किया जाता है। ला मॉन्टेसरी स्कूल कलैहली में जूनियर और सीनियर वर्ग के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएँ हुई। सीनियर वर्ग के प्रतिभागियों ने पारंपरिक रंगोली, फूलों और रंगों की रंगोली से पूरे परिसर को सजाया। जहां छोटे बच्चों ने विभिन्न रंगों के दीयों से परिसर को सजाया। इसमें सभी की कलाकृतियां एक से बढ़कर एक थीं। इससे प्रतिभागियों ने अपनी कल्पना के रंग को सजाते हुए खूबसूरत कलाकृतियों को आकार दिया। ला मॉन्टेसरी स्कूल समय- समय पर विद्यार्थियों की कला को निखारने के लिए ऐसे आयोजन करवाता रहता है जिनसे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है। प्रतियोगिता से होने वाला एक लाभ तो यह है कि इससे विद्यार्थी स्वयं का मूल्यांकन करता है और अपनी नयी खूबियों को पहचानता है।
पारंपरिक रंगोली प्रतियोगिता में पहले स्थान पर कक्षा दसवीं की विजय सौमिनी व दुर्गेश दामिनी दूसरे स्थान पर कक्षा आठवीं की रिनचिन व श्रीतिका तीसरे स्थान पर कक्षा आठवीं की किजल व एैशना रही। रंगोली प्रतियोगिता में पहले स्थान पर कक्षा दसवीं की उर्वी व सकालजन दूसरे स्थान पर कक्षा दसवीं की एकनूर व अवन्तिका तीसरे स्थान पर कक्षा सातवीं की भूमिका व गुरकिरण रही । दीया प्रतियोगिता से पहले स्थान पर कक्षा छठी के नमन कालरा कक्षा पाचवीं की ऋीधि व प्रिशा दूसरे स्थान पर कक्षा छठी की वंशिका कक्षा तीसरी के अर्थव व दिवांश और तीसरे स्थान पर कक्षा छठी की मनत कक्षा चैथी के जगजीत व प्रभव ठाकुर रहे। प्रधानाचार्या ने विद्यार्थियों की सृजनशीलता की सराहना की। विजयी प्रतिभागियों को प्रधानाचार्या ने पुरस्कृत किया।