प्रतियोगिता का महत्व और शिक्षा में इसकी भूमिका

22 May, 2019

शिक्षा और शैक्षणिक प्रतियोगिताएं मानव जीवन की सबसे महत्वपूर्ण सामग्रियां हैं। पृथ्वी पर सभी जीवित रूपों को अपने अस्तित्व और प्रसार के लिए ज्ञान और कौशल की आवश्यकता होती है। अधिकांश प्रतियोगियों के लिए ज्ञान और कौशल पीढ़ी दर पीढ़ी आनुवंशिक रूप से प्रेषित होते हैं लेकिन मानव में कौशल और ज्ञान ज्यादातर शिक्षा पर निर्भर करता है। इसमें कोई संदेह नहीं की शिक्षा मानव सफलता की कुंजी है और शिक्षा की जड़े प्रतिस्पर्धा पर आधारित हैं। एक बच्चा ज्ञान और कौशल के बिना पैदा होता है और लगातार जीवन के हर हिस्से में प्रतियोगिताओं में भाग लेता है वास्तव में प्रतियोगिताओं के बिना हम शिक्षा की कल्पना नहीं कर सकते । एक शैक्षणिक संस्था में प्रतियोगिताओं का आयोजन छात्रों की दक्षता बढ़ाने के लिए होता है।  प्रतियोगिताएं छात्रों के ज्ञान और कौशल को प्रदर्शित करने के लिए एक शानदार मंच प्रदान करती हैं। इसलिए ला मोंटेसरी स्कूल छात्रों में निहित प्रतिभा और उनकी दक्षता को सवारने निखारने के लिए समय-समय पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। विद्यार्थी विद्यालय में और विद्यालय के बाहर अनेक प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते रहे हैं और अपनी श्रेष्ठता का प्रमाण प्रस्तुत करते रहे हैं। 9 अप्रैल को विद्यालय में हिंदी कविता पाठ का आयोजन किया गया जिसमें कक्षा आठवीं की छात्रा मृणालिनी प्रथम स्थान पर रही,अनादिका द्वितीय स्थान पर तथा दो छात्र रिजुल और वंशिका तृतीय स्थान पर रहे।अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित वीवीएम प्रतियोगिता में भी एल एम एस के साथ छात्र राज्य स्तर की प्रतियोगिता के लिए चयनित हुए जहां पर उन्होंने कई तरह की गतिविधियों में भाग लेते हुए नए नए अनुभव प्राप्त किए। देव सदन में आयोजित भाषण प्रतियोगिता में विद्यालय का छात्र प्रत्यक्ष दूसरे स्थान पर रहा। यह प्रतियोगिता 1905 में आए भूकंप पर आधारित थी। 4 अप्रैल को विद्यालय में चारों सदनों के बीच खो-खो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें टोपेज सदन विजेता रहा। इस तरह की गतिविधियों में भाग ले कर छात्रों में सहयोग एवं सहायता की भावना जन्म लेती है। विद्यार्थी स्वयं से पहले अपनी टीम के बारे में सोचता है।विद्यालय में एकल नृत्य प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था।जिसमें सभी कक्षाओं के छात्रों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।एकल नृत्य प्रतियोगिता में सीनियर वर्ग में दिया महाजन प्रथम, आस्था ठाकुर द्वितीय और रिंचेन डोलमा तृतीय स्थान पर रही।14 मई को विद्यालय में लोकगीत गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने सभी को अपनी लोक संस्कृति से परिचित करवाया।  गायन प्रतियोगिता में अर्चिता और तान्या पहले स्थान पर,स्वर्णिम दूसरे स्थान पर तथा रिंचन डोल्मा तीसरे स्थान पर रही।इस प्रतियोगिता के आयोजन से नई पीढ़ी अपनी लोक संस्कृति से जुड़ी रहती है और उसके प्रति अपना सम्मान प्रदर्शित करती है। इस प्रकार विभिन्न  प्रकार की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर छात्रों का चहुंमुखी विकास होता है। विद्यालय छात्रों के सर्वांगीण विकास पर बल देता है जिससे उन्हें अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर मिलता है ।शारीरिक,मानसिक व बौद्धिक विकास के लिए यह सभी गतिविधियां अति आवश्यक हैं।