ला मोंटेसरी स्कूल कलेहली में दशहरे का आयोजन

10 Oct, 2019

त्योहार मानव जीवन में सुखद परिवर्तन लाते हैं तथा उसमें हर्षोल्लास व नवीनता का संचार करते हैं। त्योहार अथवा पर्व सामाजिक मान्यताओं, परंपराओं व पूर्व संस्कारों पर आधारित होते हैं। प्रत्येक त्योहार में अपनी विधि व परंपरा के साथ समाज व राष्ट्र के लिए कोई ना कोई विशेष संदेश निहित होता है। भारत में विजयदशमी का पर्व असत्य पर सत्य की तथा अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश देता है। कुल्लू का दशहरा पूरे भारत में प्रसिद्ध है लोग अपने ग्रामीण देवी-देवताओं के रथों को बहुत ही आकर्षक ढंग से सजाकर लाते हैं। कुल्लू का दशहरा परंपरा, रीति-रिवाज और ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व रखता है। अपने विद्यार्थियों को अपनी परंपरा व रीति-रिवाजों की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए ला मोंटेसरी स्कूल में भी दशहरे का आयोजन किया गया। छात्रों को कुल्लू दशहरे के इतिहास की जानकारी दी गई, जैसे कुल्लू का दशहरा कब से मनाया जाता है इसको मनाने के पीछे क्या इतिहास रहा है। स्कूल में छात्रों ने रघुनाथ जी के रथ की शोभायात्रा निकाली। ढोल नगाड़ों के साथ छात्रों ने देवता के रथ के साथ पूरे कुल्लू दशहरे की खूबसूरत झांकी प्रस्तुत की। साथ ही छात्राओं ने नाटी प्रस्तुत की जिसके बिना हमारे कुल्लू दशहरे की कल्पना नहीं की जा सकती। विद्यालय का यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है। आधुनिकता की दौड़ में हम अपनी परंपराओं रीति-रिवाजों और मूल्यों को भूलते जा रहे हैं। अपने छात्रों को अपनी समृद्ध संस्कृति से जोड़े रखने के लिए विद्यालय हर त्योहार को धूमधाम से मनाता है जो छात्रों के चहुंमुखी विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।