हिंदी दिवस समारोह

22 Sep, 2022

          ‘‘प्यार की है वो अभिलाषा,

          हिंदी है हमारी मातृभाषा।’’

भारत विभिन्न धर्मो ,जातियों त्योहारों ,परंपराओं, रीति-रिवाजों का देश है । इतनी विविधताओं के होते हुए भी हम भारतीयों को एकता के सूत्र में बांधने का सशक्त माध्यम, हमारी मातृभाषा हिंदी बड़ी सरलता से कर देती है।

आज हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। राजभाषा वह भाषा है जिसमें शासन का कामकाज संपादित होता है ।अब मैं आपको राजभाषा के इतिहास की ओर ले कर चलती हूँ। मोहम्मद गौरी से लेकर अकबर तक हिंदी राजभाषा थी। अकबर के शासन काल में मंत्री टोडरमल के आदेश से फारसी राजभाषा घोषित की गई ।ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1833 ईस्वी तक फारसी को राजभाषा बनाए रखा। ब्रिटिश शासन में लॉर्ड मैकाले के प्रयास से अंग्रेजी राजभाषा के पद पर सुशोभित हुई।

राष्ट्रीय चेतना के विकास के साथ ही हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की जोरदार मांग उठी ।भारतवर्ष के लिए हिंदी भाषा का नाम सबसे पहले पंडित मदन मोहन मालवीय ने सुझाया। संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा बनाने का प्रस्ताव गोपाल स्वामी आयंगर ने प्रस्तुत किया ।भारतीय संविधान में हिंदी को 14 सितंबर 1949 को मान्यता प्रदान की गई ।संविधान के अनुच्छेद 343 से 351 में राजभाषा हिंदी से संबंधित तथ्यों का विस्तृत उल्लेख मिलता है और भारतीय संविधान की अष्टम सूची में शामिल 22 भाषाओं की भी जानकारी मिलती है। देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी के महत्व को बताने और इसके प्रचार-प्रसार के लिए 'राष्ट्रभाषा प्रचार समिति' के अनुरोध पर 1953 से प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

ला मोंटसरी विद्यालय  में भी हिंदी दिवस समारोह के अवसर पर एक विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। जिसमें  सभी विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से हिंदी की महत्ता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की शुरुआत हिंदी अध्यापिका श्रीमती शिवानी शर्मा की कुछ पंक्तियों से हुई।

इसके उपरांत विद्यार्थियों द्वारा महत्वपूर्ण प्रस्तुतियां दी गई जिसमें सुविचार, समाचार , हिंदी पर भाषण , हिंदी के रोचक तथ्य, हिंदी पर रुचिकर स्लोगन, दिल को छू लेने वाला हिंदी गीत, हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालने वाला नुक्कड़ नाटक आदि विभिन्न रचनात्मक प्रस्तुतियाँ देते हुए विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभाओं एवं क्षमताओं का प्रदर्शन किया।

इस अवसर पर बच्चों ने हिंदी भाषा से संबंधित सुंदर चार्ट बनाकर अपनी कला कौशल का परिचय दिया। विद्यालय अपने बच्चों की रचनात्मकता और कौशल विकास को बढ़ाने के लिए सदैव प्रयासरत रहा है और विद्यार्थियों को एक उचित मंच सदैव प्रदान करता है ताकि बच्चे अपनी बहुमुखी प्रतिभा को और निखार सकें एवं भविष्य को उजागर करने के लिए सदैव तैयार हो सकें। हिंदी दिवस के अवसर पर ला मोंटेसरी विद्यालय  की प्रबंधक संचालक शैक्षणिक विभाग श्रीमती ललिता कवंर ने भी मातृभाषा हिंदी के महत्व पर अपने ज्ञानवर्धक शब्दों द्वारा प्रकाश डाला और हिंदी  की उपयोगिता एवं इसके आदर एवं सम्मान की बात कही। जिसका विशेष प्रभाव बच्चों पर पड़ा । इस प्रकार विद्यालय का प्रांगण  हिंदी की गौरव गाथा का गान करता हुआ तालियों की आवाज से गूंज उठा। आज आधुनिक समय में आवश्यकता है कि हम हिंदी भाषा के महत्व को समझें ।मातृभाषा हिंदी के सम्मान एवं उत्थान में बढ़-चढ़कर गर्व से हिस्सा लें।

' हिंदी में बात है ,क्योंकि हिंदी में जज्बात हैं ' धन्यवाद,

जैस्मिन

कक्षा नौंवी